Friday, December 26, 2014

नबीए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कि हयाते तय्यबा :-

नबीए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम कि हयाते
तय्यबा :-

नामे मुबारक :-मुहम्मद (दादा ने रखा)अहमद (वलिदाह ने रखा)
पैदाइश तारिख :-
12 रबीउल अव्वल सन 570 ई.
पैदाइश दिन :-पीर।
पैदाइश का वक़्त :-सुबह सादिक़।
पैदाइश का शहर :-मक्का शरीफ।
दादा का नाम :-शैबा-अब्दुल मुत्तलिब (कुनियत-अबुल हारिस)
दादी का नाम :-फातिमा।
वालिद का नाम :-
अब्दुल्लाह (कुनियत-ज़बीह)
वालिदा का नाम :-बीबी आमना (कुनियत-अबुल क़ासिम)
नाना का नाम :- वाहब बिन अब्दे मुनाफ।
खानदान :-क़ुरैश।
दूध पिलाने वाली ख़ादिमा :-उम्मे एयमन. हलीमा सादिया।
वालिद का इंतेक़ाल :-आपकी पैदाइश से पहले।
वालिदा का इंतेक़ाल :-जब आपकी उम्र 6 साल कि थी
(आपकी वालिदा का इंतेक़ाल अब्वा नाम
कि जगह पर हुवा,
जो मक्का और मदीना के बीच में है)वालिद और वालिद एके इंतेक़ाल के बाद।
आपकी परवरिश :-दादा अब्दुल मुत्तलिब ने कि
दादा के इंतेक़ाल के वक़्त आपकी उम्र 8 साल थी।
दादा ने परवरिश कि :-2 साल।
दादा के बाद आपकी परवरिश कि :-चाचा अबु तालिब ने की।
आपके लक़ब :-अमीन। (अमानतदार) और सादिक़। (सच्चा)
पहला तिजारती सफ़र :-मुल्के शाम।
पहला निकाह :-हज़रते
खदीजा रदियल्लाहो तआला अन्हा। (मक्का के
लोग ताहिरा नाम
से पुकारते थे)
निकाह के वक़्त उम्र :-25 बरस।
हज़तरे खदीजा रदियल्लाहु
तआला अन्हा कि उम्र :-40 बरस।
ऐलाने नुबुव्वत के वक़्त उम्र :-40 बरस।
पहली वही कि जगह ग़ारे हिरा
(ग़ारे हिरा जबले नूर पहाड़ पर है)
वही लाते थे :-हज़रते जिब्रईल अलैहिस्सलाम।
पहला नाज़िल लफ्ज़ :-
इक़रा (पढ़ो)
सबसे पहले औरतो में इस्लाम क़ुबूल किया :-हज़रते खदीजा रदियल्लाहु तआला अन्हा ने।
सबसे पहले मर्दो में इस्लाम क़ुबूल किया:-हज़रते अबु बक़र सिद्दीक़ रदियल्लाहो तअला अन्हु
ने।
सबसे पहले बच्चो में इस्लाम क़ुबूल किया:-हज़रते अली रदियल्लाहो तअला अन्हु ने।
आप व आप के साथी बेठा करते थे :-दारे अकरम
(दारे अकरम सफा पहाड़ पर है)
पसीना मुबारक :-मुश्क़ से ज्यादा खुशबूदार था।
आप जिस रास्ते से गुज़रते थे लोग पुकार उठते
कि यहाँ आप
का गुज़र हुवा है।साया :-आप का साया नही था।
कद:-न ज्यादा लम्बे न कम दरमियानी था।
भवे :मिली हुई थी।
बाल :-घने और कुछ घुमाव दार थी।
आँखे:-माशा अल्लाह बढ़ी और सुर्ख डोरे वाली।
कुफ्फार मक्का ने बोकात किया:-नुबुव्वत के ऐलान के 9 वे
साल में।
ताइफ़ का सफ़र :-शव्वाल सन 10 नबवी।
हज़रते खदीजा व अबु तालिब का इंतिक़ाल :-ऐलाने नुबुव्वत के
दसवे साल मे।
(इस साल को अमूल हुजन भी कहा जाता है)
हिजरत :-ऐलाने नुबुव्वत के 13 साल बाद।
हिजरत के वक़्त उम्र शरीफ :-53 साल।
मक्का से हिजरत :-मदीना कि जानिब।
हिजरत के साथी :-हज़रते अबु बक़र सिद्दीक़
रदियल्लाहो तअला अन्हु।
हिजरत के वक़्त आपने पनाह ली:-ग़ारे सौर यहाँ आपने तीन
राते गुज़ारी।
इस्लामी तारीख का आगाज़ :-आपकी हिजरत से।
पहली जंग :-गजवाये बद्र इसमें मुसलमानो कि तादाद 313 और
काफिरो कि 1000 थी।
हज़रते ज़ैनब से निकाह:-हिजरत के पांचवे साल।
आपने निकाह किये :-ग्यारह।
(इतने निकाह आपने इस्लाम और इस्लाम
कि तालीमात को फैलाने
के लिए किये)
दन्दाने मुबारक शहीद हुवे :-जंगे उहद में।
सबसे बढे दुश्मन :-अबु लहब, अबु जहल।
पर्दा के वक़्त उम्र शरीफ :-63 बरस।पर्दा किया :-मदीना मुनव्वरा में।एक मर्तबा दुरूदे पाक का नजराना पेश कीजिअगर आपकी खुबिया बयान करे तो ज़िन्दगी कम
है।लेकिन मेने आप तक काफी चीज़े पहुंचायी है।इसे खूब शेयर करे और मेसेज
भी करे।हो सके तो सेव करके महफूज़ रखले ये हमारे आक़ा के
मुताल्लिक़

ब:हवाला:-
(सीरतूनःनबी- सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम)
आज के
दिन अगर ये दुआ आगे फारवड ना कर
सको तो वापस मुझे ही सेड कर देनाऐ मेरे परवरदिगार पुरी दुनीया मे जीतने लोग
वफात पा चूके हे उनकी मगफीरत फरमा . . आमिनउनहे कबर के अजाब से माफ फरमा . . . आमिन
जो बीमार हे या परेशान हे तू अपने करम से माफ
फरमा
. . . आमिनओर उनकी बीमारी ओर परेशानी को दूर
फरमा. . . आओर ऐ मेरे परवरदिगार  जीसने मुझे ये दुआ भेजी हे
उसके तमाम गुनाहो को माफ फरमा. . . . .
आमओर हर काम मे कामयाबी अता फरमा . . .
आमिनओर उसके नसीब खोल दे. . आमीन अपने लीए जरूर दुआ करवाए नजाने कीसकी जुबान
से आपकी तकदिर सवर जाए
आपकी खास दुआऔ में गुनाहगार को याद रखना

Jashane aamde rasool allah hi allah

Tuesday, December 23, 2014

चैहल हदिस

बिस्मील्लाहअर्रखमानअर्रहीम

चैहल हदिस

1) सुब्हा के वक्त का सोना रीज़्क को रोकता है.

2) बात करने से पहले सलाम किया करो.

3) पाकी आधा ईमान है.

4) वुजु नमाज़ की कुंजी है.

5) नमाज़ दिन का सुतून है.
6) दुवा इबादत का मग्ज़ है.

7) कुरआन की तिलावत बेहतरीन
इबादत है.

8) रोटी की इज़्ज़त किया करो.

9) बाजार में खाना हलकेपन की
निशानी है.

10) पानी देखकर पिया करो.

11) इल्म का हासिल करना हर मुसलमान
मर्द और औरत पर फर्ज़ है.

12) हया इमान का जुज़ है.

13) साफ-सुतरे रहो क्यों की इस्लाम
साफ-सुतरा मज़हब है.

14) मां के कदमों के निचे जन्नत है.

15) बाप जन्नत के दरवाजो मे से बीच
का दरवाजा है.

16) चचा का मर्तबा बाप के बराबर है
खाला का मर्तबा मां के बराबर है.

17) पडोसी का भी हक़ है.

18) जो बडो की इज़्ज़त नही करता
वो हम में से नही.

19) एक मुसलमान दुसरे मुसलमान
का भाई है.

20) अच्छी बात करना नेकी है.

21) जिसने बद ज़बानी की उसने
जुल्म किया.

22) खुश ख़ल्खी आधा दिन है.

23) जो रहेम नही करता उसपर
रहेम नही किया जाता.

24) माफ़ करना बडी दौलत है.

25) जो गुरुर करता है. अल्लाहताअला
उसको गिरा देते है.

26) जो अल्लाहताअला के वास्ते आजीजी
इख्तीयार करता है. अल्लाहताअला
उसको बुलंद करता है.

27) ज्यादा हंसी दिल को मुर्दा कर
देती है.

28) सच बात कहो अगरचे वो कडवी
मालुम हो.

29) झुट रिज़क को घटा देती है.

30) गुस्से से परहेज़ करो.

31) गिबत कत्ल से बडकर है.

32) चुगलखोर जन्नत में दाखिल न होगा.

33) सब्र के साथ अल्लाह की मदद
होती है.

34) अमानतदारी इज़्ज़त का सबब है.

35) वादा फर्ज़ के बराबर है.

36) जन्नत सखी लोगो का घर है.

37) बखील लोग जन्नत में दाखिल न होगा.

38) रात में भुखा सोना कमजोर करता है.

39) जैसा करोंगे वैसा भरोंगे.

40) बा वुजु सोया करो.

बैकार के मैसेज तो बहोत सेंड करते हो
ये मैसेज भी सेंड करो.

क्या पता अपकी वजाह कोई ये हदिस
मुं ज़बानी याद कर ले .
Send To All Muslim

Wednesday, December 17, 2014

नमाज़

नमाज़
.
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[1]- मुसलमानोँ के लिए
क़ब्र मेँ सबसे पहला सवाल
होगा नमाज़ का।
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हर गुनाह मॉफ़ है, लेकिन
नमाज़ नहीँ, तो आज ही से
नमाज़ शुरु कीजिए..... .
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[2]- एक वक़्त की नमाज़
पढ़ने पर 3 करोड़, 35
लाख, 54 हज़ार, 432 नेकियाँ मिलती हैँ।
.
ये हदीस ज़्यादा से
ज़्यादा लोगोँ को शेयर
करो, जिससे कि नमाज़
का शौक पैदा हो। .
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[3]- नमाज़
FAJAR => Improve ur
Beauty. .
ZOHAR => in crease ur
Income.
.
ASAR => in crease ur
Health. .
MAGHRIB => make a
good Future.
.
ESHA => gives a
Peaceful Sleep. .
.
.
आइए जानते हैँ कि हम
नमाज़ मेँ किसी आयत
या सूरे को पढ़ते वक़्त
कितनी नेकियाँ कमाते हैँ
.
.
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[4]- बिस्मिल्लाह
हिर्रहमानिर्रहीम .
हज़रत इब्ने अब्बास
रज़िअल्लाहु तआला अन्हु
फ़रमाते हैँ कि मोहम्मद
सल्लल्लाहु अलैहे व सल्लम
ने इरशाद फ़रमाया:- .
नमाज़ मेँ जब
बन्दा कहता है-
.
1- [ अल्लाह हु अकबर]
तो गुनाहोँ से पाक हो जाता है।
.
2-
[सना (सुब्हानका अल्लाहुम्मा)]
तो उस के हर बाल के बदले
एक साल की इबादत लिखी जाती है, और
क़ब्र
मेँ वसाअत होती है।
.
3- [तअव्वुज़ (अवूज़
बिल्लाहि मिनश्शइतानिर्रज
ीम)] तो उस पर मौत
की सख़्ती आसान
हो जाती है।
.
4-
[तस्मिया (बिस्मिल्लाह
हिर्रहमानिर्रहीम)]
तो {
1= चार हज़ार
नेकियाँ लिखी जाती हैँ,
2= चार हज़ार गुनाह
मॉफ़ किये जाते हैँ,
3= चार हज़ार मरातब
(मर्तबा) बढ़ते हैँ। }
.
5- [सूरह
फ़ातिहा (अल्हमदुलिल्लाह हिरब्बिल
आलमीन)]
तो हज व उमरह
का सवाब
मिलता है।
.
6- [ रुकूअ ] तो ओहद पहाड़
के बराबर सोना ख़ैरात
करने का सवाब
मिलता है।
.
7- [सुब्हान रब्बियल अज़ीम] तो अल्लाह
तआला की नाज़िल
करदा तमाम किताबोँ के
पढ़ने का सवाब
मिलता है।
. 8- [समिअल्लाहु लिमन
हमेदह] तो अल्लाह
तआला उस की तरफ़ नज़र
रहमत से देखता है।
.
9- [सजदा करना] तो क़ुरआन के हरुफ़ के
बराबर ग़ुलाम आज़ाद
करने
का सवाब मिलता है।
.
10- [सुब्हान रब्बियल ऑला] तो अल्लाह
तआला उसके लिये तमाम
इन्सानोँ, शैतानोँ और
जिन्नातोँ की तादाद के
बराबर
नेकियाँ लिखता है। .
11- [अत्तहयात
पढ़ता है]
तो जिहाद करने
वालोँ के
बराबर सवाब मिलता है।
.
12- [जब सलाम फेर कर
फ़ारिग़ होता है] तो उस
के लिये दोज़ख़ के
सातोँ दरवाज़े बन्द कर दिए जाते हैँ और
जन्नत के
आठोँ दरवाज़े खोल दिए
जाते हैँ
.
.
जब आप शेयर या लाइक करोगे तो शैतान
आपको रोकेगा, लेकिन
आप
रुकना मत और शेयर कर
देना।

Sunday, December 14, 2014

जो मुसलमान सिर्फ BPL कार्ड बनवाने के लिए अपना मज़हब छोड़ने को तैयार हो जाएँ .....

जो मुसलमान सिर्फ BPL कार्ड बनवाने के लिए अपना मज़हब छोड़ने
को तैयार हो जाएँ .....
उनका इस्लाम छोड़ना ही बेहतर है ///
.
और जो मुस्लिम समाज अपने गरीबों मिसकीनों को इस हालत में
पंहुचा दे
कि
उनके लिए रोटी की कीमत मज़हब से ज्यादा हो जाये ....
उस मुस्लिम समाज को चुल्लू भर पानी में डूब मरना उससे भी बेहतर
है ///
.
इस्लाम का स्पष्ट ऐलान है --
" जिस माल पर ज़कात नहीं दी जाती , वह माल बर्बाद हो जाता है . "
.
इस तरह "एक " का ईमान बर्बाद होगा ...
और " दूसरे " का माल बर्बाद होगा ...
और इसके लिए
कोई " तीसरा " ज़िम्मेदार नहीं होगा ///
.
इसलिए संघ विहिप और बजरंग दल को गाली देना बंद करिए .
मुसलमान अगर अपने गिरेबां में झांक ले ,तो उसे हर सवाल का जवाब
मिल जायेगा .
.
" तेरे आमाल से है तेरा पशेमां होना ,
वरना मुश्किल नहीं मुश्किल का आसां होना ' ///
.......मगर इसके बाद भी कहना चाहूँगा कि
अगर वे लोग स्वेच्छा से हिन्दू बनना चाहते हैं तो उन्हें
रोका नहीं जा सकता ....
मगर यदि उन पर दबाव और बलप्रयोग किया जा रहा है
तो सारे मुसलमानों को एक हो कर मुकाबला करना चाहिए ///

ख़ालिस इन्सानी अधिकार

अज़ान और नमाज़ क्या है?